Saturday, June 10, 2017

AKAD DHASU STATUS - TAKDIR BADLNI HOGI

AKAD DHASU STATUS  - TAKDIR BADLNI HOGI

मैं तेरे नसीब की बारिस नहीं जो तुज पे बरस जाऊ।। तुझे तक़दीर बदल नि होगी मुझे पाने के लिए ।

तुम खुश-किश्मत हो जो हम तुमको चाहते है… वरना, हम तो वो है जिनके ख्वाबों मे भी लोग इजाजत लेकर आते है…!!

दुनियादारी की चादर ओढ़ी है। पर जिस दिन दिमाग सटका ना, इतिहास तो इतिहास। भूगोल भी बदल देंगे।

महसूस जब हुआ कि सारा शहर, मुझसे जलने लगा है, तब समझ आ गया कि अपना नाम भी, चलने लगा है”!!!

शौक से बदल जाओ तुम मगर ये ज़हन मैं रखना की…… हम जो बदल गये तो तुम करवटें बदलते रह जाओगे.!

सिर्फ तेरे इश्क की गुलामी में हु आज भी , वरना ये दिल एक अरसे तक नवाब रहा हे !


AKAD DHASU STATUS  - TAKDIR BADLNI HOGI


गिनती ठीक से सीखा नही, मगर… इतना मालूम हैं खुशियाँ बांटने से बढती हैं !

टूटे हुए सपनो और छुटे हुए अपनों ने मार दिया…… वरना ख़ुशी खुद हमसे मुस्कुराना सिखने आया करती थी!!!

उनको डर है कि हम उन के लिए जान नही दे सकते, और मुझे खोफ़ है कि वो रोएंगे बहुत मुझे आज़माने के बाद !!

अगर परछाईयाँ कद से और बाते औकात से बडी होने लगे ; तो समझ लो कि सूरज डूबने ही वाला है!!

दूर जा रहे हो तो सोंक से जाना ,. बस इतना याद रखना ; पीछे मुड़ने के देखने की आदत ईधर भी नही हे !

अपुन की जिंदगी ताश के इक्के की तरह हे , जिसके बगेर रानी और बादशाह भी अधूरे हे ।

वो जिस गली की रानी होने का गुरुर करती हे , नादान हे , इतना भी नही जानती ! उस सहेर के तो हम बादशाह थे ; फर्क सिर्फ इतना था की हमने लोगो के दिलों पे राज किया ।
Share:

0 comments:

Post a Comment