Bahubali Status for Whatsapp in Hindi
बस यही सोच कर हर तपिश में जलते आये हैं, धूप कितनी भी तेज़ हो समंदर सुखा नहीं करते!!!
आग लगना मेरी फितरत में नही पर लोग मेरी सादगी से ही जल जाये उस में मेरा कया कसूर!
इश्क की पतंगे उडाना छोड़ दी ।। वरना हर हसीनाओं की छत पर हमारे ही धागे होते.
सौ खामियाँ मुझमे सही मगर, इक खूबी भी है, अपनों को आज तक पराया नहीं किया.
ऐसा कोई शहर नहीं, जहा अपना कहर नहीं, ऐसी कोई गली नहीं जहा अपनी चली नहीं..
सीने पे तीर खाके भी अगर कोई मुस्कुरा दे तो...... निशाना लाख अच्छा हो मगर बेकार जाता है.......!!!
हमारी नियत का पता तुम क्या लगाओगे गालिब.... हम तो नर्सरी में थे तब भी मैडम अपना पल्लू सही रखती थी...।
आज तक एसी कोई रानी नही बनी जो इस बादशाह को अपना गुलाम बना सके |
ऐ समन्दर मैं तुझसे वाकिफ हूं मगर इतना बताता हूं, वो आंखें तुझसे ज्यादा गहरी हैं जिनका मैं आशिक हूं..!!
बस यही सोच कर हर तपिश में जलते आये हैं, धूप कितनी भी तेज़ हो समंदर सुखा नहीं करते!!!
आग लगना मेरी फितरत में नही पर लोग मेरी सादगी से ही जल जाये उस में मेरा कया कसूर!
इश्क की पतंगे उडाना छोड़ दी ।। वरना हर हसीनाओं की छत पर हमारे ही धागे होते.
सौ खामियाँ मुझमे सही मगर, इक खूबी भी है, अपनों को आज तक पराया नहीं किया.
ऐसा कोई शहर नहीं, जहा अपना कहर नहीं, ऐसी कोई गली नहीं जहा अपनी चली नहीं..
सीने पे तीर खाके भी अगर कोई मुस्कुरा दे तो...... निशाना लाख अच्छा हो मगर बेकार जाता है.......!!!
हमारी नियत का पता तुम क्या लगाओगे गालिब.... हम तो नर्सरी में थे तब भी मैडम अपना पल्लू सही रखती थी...।
आज तक एसी कोई रानी नही बनी जो इस बादशाह को अपना गुलाम बना सके |
ऐ समन्दर मैं तुझसे वाकिफ हूं मगर इतना बताता हूं, वो आंखें तुझसे ज्यादा गहरी हैं जिनका मैं आशिक हूं..!!