Akad Status - Aukat Status June 2017 Special
हम उस ऊंचाई पर हे जहा तुम्हारे सर से ज्यादा उंचाई पर हमारे पांव रहते हे ।
उसने कहा मत देख मेरे सपने, मुझे पाने की तेरी औकात नही मेंने भी हस कर कहा ; पगली आना हो तो आजा मेरे सपनो मे हकीकत मे आने की तेरी औकात नही!!!
शेर खुद अपनी ताकत से राजा केहलाता है; जंगल मे चुनाव नही होते.. ।।
तेरे ही नाम से ज़ाना जाता हूं मैं, ना जाने ये ” शोहरत” है या “बदनामी”… बुरे हैं ह़म तभी तो ज़ी रहे हैं.. अच्छे होते तो द़ुनिया ज़ीने नही देती…!!
तुम जिन्दगी में आ तो गये हो मगर ख्याल रखना; हम ‘जान’ दे देते हैं मगर ‘जाने’ नहीं देते !!
इसी बात से लगा लेना मेरी शोहरत का अन्दाजा… वो मुझे सलाम करते है, जिन्हे तु सलाम करता हैं !!
वो मंज़िल ही बदनसीब थी जो हमें पा ना सकी,…. वरना जीत की क्या औकात जो हमें ठुकरा दे ।
किसीकी क्या मजाल जो खरीद सकता हमको , वो तो हम ही बिक गये खरीददार देख के !
ज़हासे तेरी बादशाही खत्म होंती हे , वहासे मेरी नवाबी सुरु होती हे !
पैदा तो में भी शरीफ हुवा था , पर शराफत से अपनी कभी नही बनी ।
बन्दा खुद की नज़र में सही होना चाहिए… दुनिया तो भगवान से भी दुखी है !
मेरे बारे में इतना मत सोचना , दिल में आता हु , समज में नही ।
तू जिद हे इस दिल की , वरना इन आँखो ने , और भी हसीन चेहरे देखे हे ।
वो तरस जाएँगी प्यार की एक बूँद के लिए; मैं तो बादल हूँ किसी और पे बरस जाऊंगा।
वो खुद पर गरूर करते है, तो इसमें हैरत की कोई बात नहीं! जिन्हें हम चाहते है, वो आम हो ही नहीं सकते !!
हम उस ऊंचाई पर हे जहा तुम्हारे सर से ज्यादा उंचाई पर हमारे पांव रहते हे ।
उसने कहा मत देख मेरे सपने, मुझे पाने की तेरी औकात नही मेंने भी हस कर कहा ; पगली आना हो तो आजा मेरे सपनो मे हकीकत मे आने की तेरी औकात नही!!!
शेर खुद अपनी ताकत से राजा केहलाता है; जंगल मे चुनाव नही होते.. ।।
तेरे ही नाम से ज़ाना जाता हूं मैं, ना जाने ये ” शोहरत” है या “बदनामी”… बुरे हैं ह़म तभी तो ज़ी रहे हैं.. अच्छे होते तो द़ुनिया ज़ीने नही देती…!!
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तुम जिन्दगी में आ तो गये हो मगर ख्याल रखना; हम ‘जान’ दे देते हैं मगर ‘जाने’ नहीं देते !!
इसी बात से लगा लेना मेरी शोहरत का अन्दाजा… वो मुझे सलाम करते है, जिन्हे तु सलाम करता हैं !!
वो मंज़िल ही बदनसीब थी जो हमें पा ना सकी,…. वरना जीत की क्या औकात जो हमें ठुकरा दे ।
किसीकी क्या मजाल जो खरीद सकता हमको , वो तो हम ही बिक गये खरीददार देख के !
ज़हासे तेरी बादशाही खत्म होंती हे , वहासे मेरी नवाबी सुरु होती हे !
पैदा तो में भी शरीफ हुवा था , पर शराफत से अपनी कभी नही बनी ।
बन्दा खुद की नज़र में सही होना चाहिए… दुनिया तो भगवान से भी दुखी है !
मेरे बारे में इतना मत सोचना , दिल में आता हु , समज में नही ।
तू जिद हे इस दिल की , वरना इन आँखो ने , और भी हसीन चेहरे देखे हे ।
वो तरस जाएँगी प्यार की एक बूँद के लिए; मैं तो बादल हूँ किसी और पे बरस जाऊंगा।
वो खुद पर गरूर करते है, तो इसमें हैरत की कोई बात नहीं! जिन्हें हम चाहते है, वो आम हो ही नहीं सकते !!
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