Emotional Sad Status in Hindi - sad 1 Line Status
चित्रकार तुझे उस्ताद मानूँगा, दर्द भी खींच मेरी तस्वीर के साथ.
कौन खरीदेगा अब हीरो के दाम में तुम्हारे आँसु ;वो जो दर्द का सौदागर था, मोहब्बत छोड़ दी उसने ।
ख़ुशी कहा हम तो "गम" चाहते है, ख़ुशी उन्हे दे दो जिन्हें "हम" चाहते हे.
सिमट गया मेरा प्यार भी चंद अल्फाजों में, जब उसने कहा मोहब्बत तो है पर तुमसे नहीं.
सो जाओ दोस्तों यु रात भर जागने से मुहाबत लोट क्र नही आती !
हर किसी में तुझे पाने की कोशिश की बस एक तुझे न पा सकने के बाद |
ये पतंग भी बिल्कुल तुम्हारी तरह निकली जरा सी हवा क्या लग गई हवा में उडने लगी.
तेरे गुरूर को देखकर तेरी तमन्ना ही छोड़ दी हमने, जरा हम भी तो देखे कौन चाहता है तुम्हे हमारी तरह…!!
उसने महबूब ही तो बदला है ताज्जूब कैसा * * दूआ कबूल ना हो तो लोग खूदा भी बदल लेते हैं !!
चल आ तेरे पैरो पर मरहम लगा दूं ऐ मुक़द्दर. कुछ चोटे तुझे भी आई होगी, मेरे सपनो को ठोकर मारकर !!
टूटा हुवा विश्वास छूटा हुवा बचपन दोबारा नहीं लौटेंगे..!
ये बात और है के तक़दीर लिपट के रोई वरना ! बाज़ू तो हमनें तुम्हे देख कर ही फैलाए थे !!
डूबे हुओं को हमने बिठाया था अपनी कश्ती में यारो..... और फिर कश्ती का बोझ कहकर, हमे ही उतारा गया...!
मेरी हर आह को वाह मिली है यहाँ..... कौन कहता है दर्द बिकता नहीं है !!
चलो अब जाने भी दो....क्या करोगे दास्तां सुनकर,,, ख़ामोशी तुम समझोगे नही....और बयां हमसे होगा नही !!
चित्रकार तुझे उस्ताद मानूँगा, दर्द भी खींच मेरी तस्वीर के साथ.
कौन खरीदेगा अब हीरो के दाम में तुम्हारे आँसु ;वो जो दर्द का सौदागर था, मोहब्बत छोड़ दी उसने ।
ख़ुशी कहा हम तो "गम" चाहते है, ख़ुशी उन्हे दे दो जिन्हें "हम" चाहते हे.
सिमट गया मेरा प्यार भी चंद अल्फाजों में, जब उसने कहा मोहब्बत तो है पर तुमसे नहीं.
सो जाओ दोस्तों यु रात भर जागने से मुहाबत लोट क्र नही आती !
हर किसी में तुझे पाने की कोशिश की बस एक तुझे न पा सकने के बाद |
ये पतंग भी बिल्कुल तुम्हारी तरह निकली जरा सी हवा क्या लग गई हवा में उडने लगी.
तेरे गुरूर को देखकर तेरी तमन्ना ही छोड़ दी हमने, जरा हम भी तो देखे कौन चाहता है तुम्हे हमारी तरह…!!
उसने महबूब ही तो बदला है ताज्जूब कैसा * * दूआ कबूल ना हो तो लोग खूदा भी बदल लेते हैं !!
चल आ तेरे पैरो पर मरहम लगा दूं ऐ मुक़द्दर. कुछ चोटे तुझे भी आई होगी, मेरे सपनो को ठोकर मारकर !!
टूटा हुवा विश्वास छूटा हुवा बचपन दोबारा नहीं लौटेंगे..!
ये बात और है के तक़दीर लिपट के रोई वरना ! बाज़ू तो हमनें तुम्हे देख कर ही फैलाए थे !!
डूबे हुओं को हमने बिठाया था अपनी कश्ती में यारो..... और फिर कश्ती का बोझ कहकर, हमे ही उतारा गया...!
मेरी हर आह को वाह मिली है यहाँ..... कौन कहता है दर्द बिकता नहीं है !!
चलो अब जाने भी दो....क्या करोगे दास्तां सुनकर,,, ख़ामोशी तुम समझोगे नही....और बयां हमसे होगा नही !!
0 comments:
Post a Comment